जैविक खेती के लिए मुख्य पांच कार्य करना महत्वपूर्ण है
1. खेत को जैविक बनाना
2. फसल चक्र अपनाना
3. मल्चिंग लगाना
4. जैविक कीट नियंत्रण विधियां अपनाना
5. जैविक रोग नियंत्रण विधियां अपनाना
1. खेत को जैविक बनाना
इसके लिए किसान भाइयों हमें सबसे पहले अच्छी तरह सड़ी हुई गोबर की खाद 300-350 क्विंटल यानी 11 से 12 ट्रॉली खाद की प्रति हेक्टेयर डालनी चाहिए। क्योंकि हम पौधों को पूरे पोषक तत्वों की पूर्ति इसी खाद से करते हैं क्योंकि हम रासायनिक खाद का प्रयोग बिल्कुल नहीं कर सकते हैं।
इसके बाद 200 लीटर जीवामृत का प्रयोग प्रति एकड़ के हिसाब से छिड़क कर अच्छी तरह जुताई कर दें। उसी साल उस जमीन पर दलहनी फसल ले या उस दलहनी फसल को फूल आने की अवस्था में मिट्टी में मिला दे।
किसान भाइयों आपको यकीन नहीं होगा आपके खेत की उपजाऊ क्षमता इतनी बढ़ेगी कि आप बाद में कोई सी भी फसल जैविक तरीके से उगा सकते हैं। और अच्छा उत्पादन ले सकते हैं।
2. फसल चक्र अपनाना
इसमें हर साल फसलों को अदल-बदल कर बोना चाहिए जिसमें दलहनी फसल को जरूर रखना चाहिए या बागवानी फसलें लगाते हैं तो एक नियमित अंतराल पर लगाना चाहिए यदि आप फलों का बगीचा लगाते हैं। तो आपको सिर्फ खेत में जैविक खाद देते रहना चाहिए इसे लगातार आपके खेत की उपजाऊ क्षमता बढ़ती रहती है। और हर वर्ष उत्पादन बढ़ता रहता है
नोट -किसान भाइयों यदि यह पोस्ट आपने अच्छी तरह पूरी पड़ ली तो आपको और कोई पोस्ट पढ़ने की जरूरत नहीं है तो पोस्ट को ध्यान से और पूरी पढ़ें।
जैविक खेती में मल्चिंग फसलों के अवशेष पेड़ पौधों के पत्तों में टहनियों आदि से की जाती है इसमें सुखी हुई खरपतवारो का प्रयोग भी कर सकते हैं। इससे मिट्टी का तापमान अनुकूल बना रहता है जिससे पौधों की बढ़वार अच्छी होती रहती है इससे पानी का वाष्पीकरण कम होता है जिससे पानी की बचत होती है।
यह मल्चिंग गर्मियों में मिट्टी को ठंडी व सर्दियों में मिट्टी को गर्म रखकर पोधो के विकास को बढ़ाती है यह अपघटित होकर मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ व पोषक तत्व बढ़ाने का काम करती है।
4. जैविक कीट नियंत्रण विधियां अपनाना
इसमें आप कुछ लाभदायक सूक्ष्म जीवों का प्रयोग कर कीटों का नियंत्रण कर सकते हैं। लेकिन किसान भाइयों आपका खर्च कम हो इसलिए आप दशपर्णी अर्क,नीम,ऑयल पेड़ पौधों का अर्क जेसे (नीम,आक,धतूरा,पपीता के पत्ते,तंबाकू पाउडर,हरी मिर्च,अदरक,प्याज) आदि को कूटकर इनका अर्क बनाकर भी कीट नियंत्रण किया जा सकता है।
या आप लाइट ट्रैप पिली स्ट्रीक ट्रेप फिरोमोन ट्रेप आदि का प्रयोग करके किटों का नियंत्रण आसानी से कर सकते हैं यह लाखों किसानों द्वारा अपनाए जाने वाले तरीके हैं जो पूर्णतः जैविक है।
5. जैविक रोग नियंत्रण विधियां अपनाना
इसमें नीम ऑयल फंगस और बैक्टीरिया दोनों रोगों से सुरक्षा करता है या इसकी जगह आप नीम के पत्तों का अर्क भी उपयोग कर सकते हैं। आप फंगल रोगों को रोकने के लिए बोर्डों पेस्ट का छिड़काव कर सकते हैं जो पुरी तरह जैविक है और बहुत असरदार है जो लाखों किसान अपना रहे हैं।
इसमें नीम ऑयल फंगस और बैक्टीरिया दोनों रोगों से सुरक्षा करता है या इसकी जगह आप नीम के पत्तों का अर्क भी उपयोग कर सकते हैं। आप फंगल रोगों को रोकने के लिए बोर्डों पेस्ट का छिड़काव कर सकते हैं जो पुरी तरह जैविक है और बहुत असरदार है जो लाखों किसान अपना रहे हैं।





सर आपकी इस जानकारी से हमे बहुत लाभ मिला सर आपने बिल्कुल सही जानकारी दी हैं सर हमने इस से बहुत अच्छा बिजनेस शुरू किया है आपका बहुत बहुत धन्यवाद सर
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