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Organic tomato farming:टमाटर की जैविक खेती कैसे करें, A to Z पूरी जानकारी

 हेलो किसान भाइयों नमस्कार

आज हम इसी एक पोस्ट से आपको टमाटर की जैविक खेती की संपूर्ण जानकारी देंगे तो पोस्ट को पूरा जरूर पढ़ें अंत में हम बताएंगे आप 3 से 3.5 लाख प्रति एकड़ कैसे कमा सकते हैं टमाटर की जैविक खेती से। तो जो मैं स्टेप बताने जा रहा हूं उन्हें ध्यान से जरूर पढ़ें। और उन्हें अपने खेत में अपनाएं।



1. खेत की तैयारी

किसान भाइयों सबसे पहले आपको 120 से 150 क्विंटल गोबर की खाद प्रति एकड़ डालनी चाहिए यदि आप वर्मी कंपोस्ट डालना चाहते हैं तो 50 से 60 क्विंटल डाल सकते हैं फिर इस पर 200 लीटर जीवामृत प्रति एकड़ के हिसाब से खेत में डालें।फिर खेत की 2 से 3 गहरी जुताई कर उसे समतल कर ले।
खाद डालकर जुताई करने के 10 से 15 दिन बाद 3 से 4 फीट चौड़ी मेड़ बनाएं। टमाटर को मेड़ पर लगाने से बहुत अच्छा उत्पादन प्राप्त होता है।

2. किस्म का चुनाव

किस्म का चुनाव करते समय अच्छी कंपनी की टमाटर का चुनाव करें क्योंकि टमाटर का उत्पादन टमाटर की किस्म पर निर्भर करता है यदि आपकी किस्म अच्छी होगी तो उत्पादन बहुत अधिक होगा।
टमाटर की चेरी किस्मों की तरफ किसानों का रुझान बढ़ रहा है आप भी टमाटर की कुछ चेरी किस्में लगाकर अधिक आमदनी प्राप्त कर सकते हैं।

चेरी टमाटर की किस्में

चाडविक चेरी
आइसिस कैंडी चेरी
येलो पियर
चेरी रोमा

साधारण टमाटर की किस्म

अर्का रक्षक
पूसा 120
स्वर्ण लालिमा
अभिनव (syngenta company)

3. नर्सरी तैयार करना

किसान भाइयों नर्सरी आप किस तरह से तैयार कर रहे हैं इसका भी उत्पादन पर बहुत प्रभाव पड़ता है। यदि आप सीडलिंग ट्रे मैं टमाटर की नर्सरी तैयार करते हैं तो आपको अधिक संख्या में स्वस्थ पौधे प्राप्त होंगे और बीजों का अंकुरण भी अधिक होगा। यदि आप मिट्टी में नर्सरी तैयार करना चाहते हैं तो प्रति मीटर एरिया में 10 किलोग्राम सड़ी हुई गोबर की खाद डालें जिससे पौधों का अंकुरण अच्छा होता है और पौधे जल्दी तैयार हो जाते है।

सावधानियां

नर्सरी में पानी अधिक ना लगाएं अधिक पानी लगाने की वजह से पौधों की जड़ें खराब हो जाती हैं।
जड़ गलन रोग से बचाने के लिए 0.5% बोर्डो मिश्रण का स्प्रे या ड्रिंचिग करें।
कीटों से बचाने के लिए 2-3ml प्रति लीटर के हिसाब से नीम ऑयल का स्प्रे करें।
नर्सरी में उगे हुए खराब टमाटर के पौधों को उखाड़ कर फेंक देना चाहिए।

4. पौध को खेत में लगाना

टमाटर के पौधों को खेत में लगाते समय 1 से 2 सेंटीमीटर तने को मिट्टी में दबाना चाहिए इससे पौधा बड़ा होने पर  मजबूती प्राप्त होती है। और उस तने के भाग से सहायक जड़े निकलती है।पौध को हमेशा खेत में शाम के समय लगाना चाहिए। पौधे से पौधे की दूरी 1 से 1.5 फिट रखें और कतार से कतार की दूरी 2 से 2.5 फिट रखें पौधे लगाने के तुरंत बाद सिंचाई करें यदि आप अपने खेत में ड्रिप इरिगेशन लगाते हैं तो आपके टमाटर उत्पादन में 20-30% की बढ़ोतरी होती है ।
 ड्रिप इरिगेशन के माध्यम से आप पौधों को खाद और जैविक दवाइयां आसानी से दे सकते हैं जिससे आप की खेती में लागत में कमी आती है।

5. पौधों को खाद देना

सबसे पहले आपको प्रति एकड़ 200 लीटर जीवामृत का प्रयोग हर 10 से 12 दिन के अंतराल पर करना चाहिए इसे आप सिंचाई के पानी के साथ दे सकते हैं। इससे आपके पौधे को जिन पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है उनकी यह आसानी से पूर्ति कर देता है।
और यदि आप जीवामृत से ही संपूर्ण पोषक तत्वों की पूर्ति करना चाहते हैं तो आप जीवामृत बनाते समय उसमें 2 किलोग्राम सरसों की खली मिलाकर  जीवामृत बनाएं। इसके बाद आपको कोई और खाद देने की जरूरत नहीं है।

* टमाटर के पौधे में फल फूल की संख्या बढ़ाने के लिए इफको की सागरिका 400-500ml प्रति एकड़ के हिसाब से स्प्रे करें। यह स्प्रे खेत में पौधे लगाने के 30 से 35 दिन बाद करें।

6. कीट

टमाटर की फसल में कीट जैसे थ्रिप्स,सफेद मक्खी, मिलीबग, एफिड लीफ माइनर आदि लगते हैं।
इनका नियंत्रण समय पर करना चाहिए यदि इनका प्रकोप बहुत अधिक बढ़ जाएगा तो पूरी फसल बर्बाद हो जाएगी फिर फसल को बचा पाना बहुत मुश्किल हो जाएगा।

* नोट= जैविक खेती में सबसे ज्यादा गलतियां किसान कीट और रोगों के प्रकोप को रोकने में करता है जब कीटों का प्रकोप दिखाई देता है तब किसान उस पर स्प्रे करते हैं जब तक उसका एरिया बहुत ज्यादा बढ़ जाता है जिसे कंट्रोल कर पाना बहुत ही मुश्किल हो जाता है तो किसान भाइयों आप खेत में फसल लगाने के  10 दिन बाद हर 7 या 10 दिन पर एक स्प्रे जैविक कीटनाशक का जरूर करें।

नियंत्रण

नीम ऑयल 3-4 ml प्रति लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे करें
* दशपर्णी अर्क का स्प्रे करें
* नीम की पत्तियों के अर्क का स्प्रे करें
* 5 से 7 पीली स्ट्रीक ट्रेप का प्रयोग करें
* 3 से 4 लाइट ट्रैप का प्रयोग करें
* फिरोमोन ट्रेप का प्रयोग करें

7. रोग 

टमाटर में रोग मुख्यत अगेती झुलसा, पछेती झुलसा, आर्दगलन, तना गलन, फल गलन और निमेटोड लगते हैं।

* नोट= यदि किसान भाइयों आपके एरिया में निमेटोड रोग का प्रकोप है तो आप फसल लगाने के पहले ही निमेटोड का जैविक उपचार कर ले। यदि आपने फसल पर निमेटोड का प्रकोप होने के बाद आपने उपचार किया तो आपको बहुत ज्यादा नुकसान हो जाएगा और निमेटोड को कंट्रोल करने में बहुत मुश्किल होगी।

नियंत्रण

* नीम ऑयल 3-4 ml प्रति लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे करें इसमें एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण होते हैं
* 1ml हाइड्रोजन पेरोक्साइड(6.5%) प्रति लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे करें।
* 0.5% बोर्डो मिश्रण का स्प्रे या ड्रिंचिग करें।
* निमेटोड की नियंत्रण के लिए पैसिलोमाइसेस लिलासीनस मित्र फफूंद का प्रयोग करें।

8. उपज

200 से 250 क्विंटल प्रति एकड़

15₹×22000 किलोग्राम (औसत)=330000₹ प्रति एकड़

किसान भाइयों आपको इससे भी अधिक मुनाफा हो सकता है यदि आप समय-समय पर जो जो बातें मैंने बताई उनका ध्यान रखते हुए अच्छी तरह टमाटर की खेती करें और अच्छी किस्म का चुनाव करें।

धन्यवाद


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