जीवामृत क्या है (what is jivamrit)
जीवामृत एक तरल फर्टिलाइजर है। जो गाय के गोबर व मूत्र खेत की मिट्टी के द्वारा पानी में घोल बनाकर तैयार किया जाता है। इसमें फसल के सभी लाभदायक पोषक तत्व और सूक्ष्म जीव पाए जाते हैं जो मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाते हैं। इसके प्रयोग से मिट्टी में लाभदायक बैक्टीरिया की संख्या बहुत ज्यादा बड़ती है जिससे मिट्टी के भौतिक गुणों में सुधार होता है।
जीवामृत बनाने की विधि (Method of making Jivamrit)
सामग्री (material)
1. 10 किलो गाय का गोबर
2. 10 लीटर गाय का मूत्र
3. 2 किलो दाल का आटा
4. 2 किलो गुड़
5. पिपल या बरगद के नीचे की मिट्टी
6. 200 लीटर पानी
विधि (process)
सबसे पहले 200-250 लीटर का प्लास्टिक का ड्रम ले। फिर इसमें 10 किलो गोबर और 10 लीटर गोमूत्र डालें।फिर इसमें गुड दाल का आटा और बरगद के नीचे की मिट्टी डालकर पूरा पानी से भर दे। इसे दिन में दो बार डंडे की सहायता से हिलाते रहे यह प्रक्रिया 7 दिन तक लगातार अपनाते रहे। 7 दिन बाद जीवामृत पूरी तरह से बनकर तैयार हो जाता है।इसे अब आप खेत में उपयोग कर सकते हैं
उपयोग करने का तरीका (how to use jivamrit)
200 लीटर जीवामृत का उपयोग आप 1 एकड़ खेत के लिए कर सकते हैं इसे आप सिंचाई के पानी के साथ दे सकते हैंजीवामृत को आप पौधों पर 5-10% का घोल बनाकर स्प्रे कर सकतें हैं। इससे पौधों पर जल्दी प्रभाव देखने को मिलता है पौधे हरे भरे हो जाते है और फल फूल अधिक लगते हैं।
जीवामृत का लाभ (benefits of jivamrit)
* पोंधे को पोषक तत्वों की पूर्ति करता है
* मिट्टी में लाभदायक सूक्ष्म जीवों की संख्या बढ़ती है
* पौधों में रोगों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाता है
* पौधों की वृद्धि तेजी से होती है
* मिट्टी की उपजाऊ क्षमता बढ़ती है
* मिट्टी के ph में सुधार करता है
* पौधों में फल फूल की संख्या को बढ़ाता है
तो किसान भाई आप खेती में जीवामृत का प्रयोग करके अपनी लागत को कम करके अधिक मुनाफा कमा सकते हैं क्योंकि यह खाद के रूप में कार्य करता है और मिट्टी के स्वास्थ्य को सुधार कर उस की उपजाऊ क्षमता को बढ़ाता है तो किसान भाइयों आप जीवामृत का प्रयोग 10 से 15 दिन के अंतराल पर करें
धन्यवाद

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