Organic farming of chilli: मिर्च की जैविक खेती कैसे करें, प्रति एकड़ 2.5 से 3 लाख तक की आमदनी एक सीजन में, A to Z पूरी जानकारी
हेलो किसान भाइयों नमस्कार
आज हम इसी एक पोस्ट से आपको मिर्च की जैविक खेती की संपूर्ण जानकारी देंगे तो पोस्ट को पूरा जरूर पढ़ें अंत में हम बताएंगे आप 2.5 से 3 लाख प्रति एकड़ कैसे कमा सकते हैं मिर्च की जैविक खेती से। तो जो मैं स्टेप बताने जा रहा हूं उन्हें ध्यान से जरूर पढ़ें। और उन्हें अपने खेत में अपनाएं।
1. खेत की तैयारी
किसान भाइयों सबसे पहले आपको 100 से 120 क्विंटल गोबर की खाद प्रति एकड़ डालनी चाहिए यदि आप वर्मी कंपोस्ट डालना चाहते हैं तो 30 से 50 क्विंटल डाल सकते हैं। फिर इस पर 200 लीटर जीवामृत प्रति एकड़ के हिसाब से खेत में डालें। फिर खेत की 2 से 3 गहरी जुताई कर उसे समतल कर ले।
2. किस्म का चुनाव
किस्म का चुनाव करते समय अच्छी कंपनी की मिर्च का चुनाव करें क्योंकि मिर्च का उत्पादन मिर्ची की किस्म पर निर्भर करता है यदि आपकी किस्म अच्छी होगी तो उत्पादन बहुत अधिक होगा।
कुछ पॉपुलर किस्मे आपको बताने जा रहा हूं जिन्हें अपने खेत में लगाकर आप बहुत अच्छा उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं
syngenta HPH-1048
syngenta HPH-1900
Seminis-SHP 4884
Seminis - Sitara Gold
VNR -Nupur
Arka meghana
3. नर्सरी तैयार करना
किसान भाइयों नर्सरी आप किस तरह से तैयार कर रहे हैं इसका भी उत्पादन पर बहुत प्रभाव पड़ता है यदि आप सीडलिंग ट्रे मैं मिर्च की नर्सरी तैयार करते हैं तो आपको अधिक संख्या में स्वस्थ पौधे प्राप्त होंगे और बीजों का अंकुरण भी अधिक होगा।
यदि आप मिट्टी में नर्सरी तैयार करना चाहते हैं तो प्रति मीटर एरिया में 10 किलोग्राम सड़ी हुई गोबर की खाद डालें जिससे पौधों का अंकुरण अच्छा होता है और पौधे जल्दी तैयार हो जाते है।
सावधानियां
नर्सरी में पानी अधिक ना लगाएं अधिक पानी लगाने की वजह से पौधों की जड़ें खराब हो जाती हैं।
जड़ गलन रोग से बचाने के लिए 0.5% बोर्डो मिश्रण का स्प्रे या ड्रिंचिग करें।
कीटों से बचाने के लिए 2-3ml प्रति लीटर के हिसाब से नीम ऑयल का स्प्रे करें।
4. पौध को खेत में लगाना
पौध को हमेशा खेत में शाम के समय लगाना चाहिए। पौधे से पौधे की दूरी 1 से 1.5 फिट रखें और कतार से कतार की दूरी 2 से 2.5 फिट रखें पौधे लगाने के तुरंत बाद सिंचाई करें यदि आप अपने खेत में ड्रिप इरिगेशन लगाते हैं तो आपके मिर्च उत्पादन में 20-30% की बढ़ोतरी होती है। ड्रिप इरिगेशन के माध्यम से आप पौधों को खाद और जीवित दवाइयां आसानी से दे सकते हैं जिससे आप की खेती में लागत में कमी आती है।
5. पौधों को खाद देना
किसान भाइयों इसे ध्यान से जरूर पढ़ें क्योंकि जो बातें बताने जा रहा हूं उन्हें यदि आप अपने खेत में अपनाते हैं तो आप का उत्पादन केमिकल वाली फसलों के बराबर प्राप्त होगा। सबसे पहले आपको प्रति एकड़ 200 लीटर जीवामृत का प्रयोग हर 10 से 12 दिन के अंतराल पर करना चाहिए इसे आप सिंचाई के पानी के साथ दे सकते हैं इससे आपके पौधे को जिन पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है उनकी यह आसानी से पूर्ति कर देता है
और यदि आप जीवामृत से ही संपूर्ण पोषक तत्वों की पूर्ति करना चाहते हैं तो आप जीवामृत बनाते समय उसमें 2 किलोग्राम सरसों की खली मिलाकर जीवामृत बनाएं। इसके बाद आपको कोई और खाद देने की जरूरत नहीं है
6. कीट
मिर्च में सबसे ज्यादा लगने वाले कीट थ्रिप्स,एफिड, सफेद मक्खी आदि हैं इन कीटों के प्रकोप से पत्तियां सिकुड़ जाती है और पूरी फसल बर्बाद भी हो सकती है तो किसान भाइयों आपको लगातार समय-समय पर जैविक कीटनाशको का स्प्रे करना चाहिए
* नोट= जैविक खेती में सबसे ज्यादा गलतियां किसान कीट और रोगों के प्रकोप को रोकने में करता है जब कीटों का प्रकोप दिखाई देता है तब किसान उस पर स्प्रे करते हैं जब तक उसका एरिया बहुत ज्यादा बढ़ जाता है जिसे कंट्रोल कर पाना बहुत ही मुश्किल हो जाता है तो किसान भाइयों आप खेत में फसल लगाने के 10 दिन बाद हर 7 या 10 दिन पर एक स्प्रे जैविक कीटनाशक का जरूर करें।
नियंत्रण
* नीम ऑयल 3-4 ml प्रति लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे करें
* दशपर्णी अर्क का स्प्रे करें
* नीम की पत्तियों के अर्क का स्प्रे करें
* 5 से 7 पीली स्ट्रीक ट्रेप का प्रयोग करें
* 3 से 4 लाइट ट्रैप का प्रयोग करें
* फिरोमोन ट्रेप का प्रयोग करें
7. रोग
मिर्च में सबसे ज्यादा फंगल रोग लगते हैं जिनसे इनकी पत्तियां जली हुई दिखाई देती है जड़े खराब हो जाती है। यह सभी फंगल रोगों के लक्षण है तना गलन रोग भी मिर्च का एक घातक रोग है।
* नोट= यदि किसान भाइयों आपके एरिया में निमेटोड रोग का प्रकोप है तो आप फसल लगाने के पहले ही निमेटोड का जैविक उपचार कर ले। यदि आपने फसल पर निमेटोड का प्रकोप होने के बाद आपने उपचार किया तो आपको बहुत ज्यादा नुकसान हो जाएगा और निमेटोड को कंट्रोल करने में बहुत मुश्किल होगी।
नियंत्रण
* नीम ऑयल 3-4 ml प्रति लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे करें। इसमें एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण होते हैं।
* 0.5% बोर्डो मिश्रण का स्प्रे या ड्रिंचिग करें।
* 1ml हाइड्रोजन पेरोक्साइड(6.5%) प्रति लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे करें।
* निमेटोड की नियंत्रण के लिए पैसिलोमाइसेस लिलासीनस मित्र फफूंद का प्रयोग करें।
8. उत्पादन
80 - 120 क्विंटल प्रति एकड़ हरी मिर्च
बिना जैविक 25₹×9000 किलोग्राम (औसत)=225000₹ प्रति एकड़
जैविक 30₹×9000 किलोग्राम (औसत)=270000₹ प्रति एकड़
किसान भाइयों आपको इससे भी अधिक मुनाफा हो सकता है यदि आप समय-समय पर जो जो बातें मैंने बताई उनका ध्यान रखते हुए अच्छी तरह मिर्च की खेती करें और अच्छी किस्म का चुनाव करें।

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